Warlock (Hindi Edition)
by Vickram E. DiwanPublish: Apr 06, 2020Supernatural Suspense Horror Book Overview
वारलॉक शैतानी कालेजादू के सबसे बुरे और भयानक रूप में सिद्धस्त है। वह वाममार्ग (भारतीय तंत्र में बाएँ हाथ की परंपरा) के गहरे और अंधेरे रहस्यों में पारंगत हुआ पहला पश्चिमी (गोरा) इंसान भी हैं। पायल चटर्जी एक परियों जैसी सुन्दर बंगाली अभिनेत्री है, जो दिव्य सुंदरता, भरपूर आत्मविश्वास और प्रबल इच्छाशक्ति से सुशोभित है।
वॉरलॉक की प्रेतवाधित फार्महाउस में धोखे से कैद की गयी पायल के पास जीवित रहने का बहुत कम मौका है। उस 'बदि के मंदिर' वाले फार्महाउस में जिसमें अनगिनत नर, नारी और शिशु बलि पर चढ़ा दिए गये हैं और जिससे आज तक कोई भी जीवित वापिस नहीं आया है। क्या पायल एक सुनहरी मुखोटे से अपना चेहरा छुपाने वाली निर्दयी हत्या-मशीन और अनुष्ठान-हत्यारे का मुकाबला कर पाएगी? या फिर वह इतिहास के सबसे निर्दयी और निर्मम ख़ूनी का नवीनतम शिकार बन कर रह जाएगी?
भारतवर्ष के पाठकों की भारी मांग पर पहली बार इस चर्चित और प्रसिद्ध उपन्यास का अ धिकारिक हिंदी संस्करण प्रकाशित किया गया हैं।
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कौन हैं वारलॉक?
मौत उसकी ग़ुलाम थी, वहशत उससे थरथराती थी और दरिन्दिगी भी उससे पनाह माँगती थी।
वह खौफज़दा इंसानो की चीखों की साज़ पर हैवानियत के नग़्मे लिखता था।
वह ख़ुद को वारलॉक कहता था और मज़लूमो की कराहों में सुकून पाता था।
अंग्रेजी पाठको की रगों में सिरहन भरने के बाद अब हिंदी के पाठको के होश उड़ाने और उनकी रोमांचित कर देने के लिए आ गया है - वारलॉक।
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वारलॉक (अंग्रेजी) संस्करण की कुछ समीक्षाएँ
“हर विवरण पृष्ठ-दर-पृष्ठ दहशत लाता हैं। - मुंबई मिरर
“एक रोचक किताब! दिलचस्प, जानकारीपूर्ण और विश्वसनीय। " - डेक्कन क्रॉनिकल
“वॉरलॉक भारतीय तांत्रिक गतिविधियों की जड़ों में ले जाता हैं। - द एशियन एज
“वारलॉक दिलचस्प, अलौकिक, हैरतअंगेज ढंग से तेज रफ़्तार और एक ही बैठक में पढ़ा जाने वाला उपन्यास है। यह निश्चित रूप से पठनीय है - अमित खान - उपन्यासकार, स्क्रीनप्ले लेखक
यह एक सुध-बुध भुला देना वाला और साँसे रोक देने वाला क्राइम-थ्रिलर है, जो विचक्रक्राफ्ट और तांत्रिक अनुष्ठानो से गहराई से जुड़ा है. यह पाठकों के निश्चय ही रोंगटे खड़े कर देगा। " - दिलीप शांडिल - ब्लॉगर और समीक्षक
“यदि आप विक्षिप्त और डरवाने पात्रों वाले थ्रिलर नावेल पसंद करते हैं, जहां कल्पना और वास्तविकता के बीच बस एक बारीक़ आवरण भर होता है - तो आपको इस पुस्तक को पढ़ना ही होगा। - रुबीना रमेश - लेख़क, ब्लॉगर और समीक्षक
“हैनिबल लेक्टर (साइलेंस ऑफ़ द लैम्ब्स) तो रुडॉल्फ स्चानहर के सामने कुछ भी नहीं है। विक्रम का मंत्रमुग्ध कर देने वाला उपन्यास वारलॉक; अच्छाई बनाम बुराई, अलौकिकता बनाम लौकिकता की एक ऐसी दास्तान हैं, जो पाठकों को रात के अंतिम पहर में भी कहानी के संतोषप्रद और दिलचस्प निष्कर्ष पर पहुँचने तक पन्ने पलटते हुए जगाये रखेगी।” - एलन नाएस (रसरेक्शन सीरीज के लेखक)
“कहानी कहने और कथानक बुनने की योग्यता के क्षेत्र में विक्रम किसी मायावी जादूगर की भांति अपने पूरे जलाल पर हैं। कहानी दिलचस्प तथा मनोरंजक दोनों है। यदि ये कोई इंद्रजाल हैं तो आप यक़ीन करे कि आप विक्रम के फैलाये हुए मायाजाल या सम्मोहन में जकड़े जाएंगे।” - टिमोथी वाट्सन (फिल्ममेकर और शेक्सपीयरियन नाटककार)
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लेख़क का परिचय
विक्रम ई. दीवान एक उपन्यासकार, संपादक, फ्रीलांस पत्रकार और शोधकर्ता हैं। उनके अंग्रेजी में छपे वारलॉक ’(पैरानॉर्मल / हॉरर) श्रृंखला के उपन्यासों को भारत और विदेशों में काफी प्रशंसा और व्यावसायिक सफलता मिली है। उनका नवीनतम उपन्यास 'द फर्स्ट वैम्पायर' है।उन्हें विभिन्न समाचार पत्रों और वेबसाइटों पर चित्रित किया गया है। उनके लेख कई वेबसाइटों और समाचार पोर्टल पर भी प्रकाशित हुऐ हैं। वह सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय है जंहा उनके हजारों फॉलोवरस है। वह पैरानॉर्मल, ऑकल्ट, मैजिक, सैटनिक विषयों, विचक्राफ़्ट, तंत्र और दर्शन के एक जीवन-पर्यन्त शोधकर्ता है।
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अनुवादक परिचय
भौतिक शास्त्र में परास्नातक चन्द्रप्रकाश पाण्डेय स्वयं भी एक लेखक हैं और ‘अस्तित्व: काल का रहस्य’ , ‘फिर वही खौफ’ तथा ‘अवंतिका’ नामक तीन उपन्यास लिख चुके हैं। बतौर अनुवादक ये आपका पहला कार्य है। वर्तमान में आप वाराणसी में रहते हुए शिक्षण कार्य से जुड़े हैं। आपकी मनपसंद विधाएं ‘हॉरर’ ‘साइंस फिक्शन’ और ‘मायथालॉजिकल थ्रिलर’ हैं।